Friday, March 28, 2014

Eradicating a Distorted 'Jihadi' Ideology विकृत 'जिहादी' विचारधारा का उन्मूलन





समर फ़तानी
7 फरवरी, 2014
किंग अब्दुल्ला की लोकप्रियता चरमपंथियों और विकृत ''जिहादी'' उग्रवादी विचारधारा के खिलाफ सख्त रुख को अपनाने के साथ बढ़ रही है, जिनके बारे में उनका कहना है कि- ये हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक स्थिरता दोनों के लिए एक बड़ा खतरा हैं। हाल ही में जारी किए गए शाही फरमान के अनुसार किंग अब्दुल्ला ने चेतावनी दी है कि कोई भी नागरिक जो किसी बाहरी विवाद में लड़ेगा उसे 3 से 20 साल तक की सज़ी दी जायेगी।
इस शाही फरमान में ये भी चेतावनी दी गई है कि ''सऊदी अरब का कोई भी नागरिक जो उसके द्वारा वर्गीकृत किसी आतंकवादी या चरमपंथी संगठनों में शामिल होगा, उसका समर्थन करेगा या उन्हें नैतिक या भौतिक सहायता प्रदान करेगा, चाहे वो देश के अंदर हों या बाहर उसे 5 से 30 बरसों की सज़ा दी जायेगी।'' आशा की जा सकती है कि इस चेतावनी से वो लोग जो सीरिया या कहीं और हमारे नौजवानों को 'जिहाद' में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना बंद करेंगे।
हाल ही में आतंकवाद विरोधी कानून में आतंकवादी अपराधों को ऐसी गतिविधियों के रूप में परिभाषित किया गया है, जो ''सार्वजनिक व्यवस्था में रुकावट डाले, समाज की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाए, या राष्ट्रीय एकता को खतरे में डालती हो, या प्राथमिक शासन व्यवस्था को बाधित करती हो या राज्य की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाती हो।''
 

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