Thursday, October 17, 2013

Separate Even Science from Religion साइंस को भी मज़हब से अलग करें

नास्तिक दुर्रानी, न्यु एज इस्लाम
17 अक्टूबर , 2013
जिस तरह राजनीति को धर्म से अलग रखना ज़रूरी है उसी तरह साइंस को भी मज़हब से अलग रखना ज़रूरी है, क्योंकि धर्म सुदृढ़ ग्रंथों पर आधारित हैं, जबकि विज्ञान की खोजें और सिद्धांत हमेशा परिवर्तनीय स्थिति में रहते हैं। मिसाल के तौर पर प्राचीन दौर में लोग समझते थे कि सूरज पृथ्वी के चारों ओर घूमता है, लेकिन वर्तमान दौर से ही हमें मालूम है कि वास्तव में पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है। फिर बीसवीं सदी में हमें पता चला कि पृथ्वी और सूर्य भी आकाशगंगा के केंद्र के चारों ओर घूमते हैं और हमारी आकाशगंगा भी अन्य आकाशगंगाओं के साथ ब्रह्मांड के एक संभावित केंद्र के चारों ओर घूमती है। और शायद विकास के साथ भविष्य में हमें ये भी पता चले कि हमारा ब्रह्मांड,  ब्रह्मांडों के झुरमुटों का केवल एक औसत ब्रह्मांड है जो दूसरे ब्रह्मांडों के साथ मिल कर किसी केंद्रीय ब्रह्मांडीय प्रणाली के चारों ओर घूम रहे हैं। वैज्ञानिक इसे अभी से मल्टी वर्स का नाम दे रहे हैं। अब अगर धर्म से विज्ञान को


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