Sunday, February 19, 2012

Hindi Section
पाकिस्तान में तालीमी इंक़लाब की ज़रूरत है, लेकिन ये मस्जिदों, स्कूलों और मदरसों से नहीं आ सकता है

पाकिस्तान को शिद्दत से तालीम की ज़रूरत है जो सामाजिक रूप से ज़िम्मेदार, फिक्रमंद और अच्छी तरह बाखबर लोग पैदा करे और वो ऐसी मानसिकता के मालिक हों जो देश की भाषाओं, संस्कृतियों और धर्मों की विविधता को आसानी से स्वीकार कर सकते हों। मकसद में ज़रूरी महारत और इल्म की ऐसी सतह शामिल होना लाज़िमी है जो रोज़गार और आधुनिक समाज में योगदान के काबिल बना सके। इमरान खान की जज़्बाती भाषणबाज़ी इससे छुटकारा नहीं दिलायेगी। ...

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