Thursday, September 29, 2011

Hindi Section
29 Sep 2011, NewAgeIslam.Com
क्या ग़रीबी और अन्याय आतंकवाद की असल वजह नहीं है?

एम.ए.खालिद (अंग्रेज़ी से हिंदी अनुवाद-समीउर रहमान, न्यु एज इस्लाम डाट काम)

विदेशी खतरे से तो हम निपट सकते हैं, लेकिन ज्वालामुखी हमारे देश के अंदर ही है और किसी भी वक्त फट सकता है और इस पर क़ाबू पाना हमारे लिए बेहद ज़रूरी है। देश की जनता अगर अपने देश के प्रशासन से नाखुश हो तो हमारा एटमी पावर वाले देश होने या सुपर पावर होना क्या मतलब रखता है। हमारे यहाँ आज भी जनता की बड़ी आबादी गरीबी से संघर्ष कर रही है। देहातों की बात तो जाने दीजिए,मुम्बई जैसे शहर, जो आर्थिक राजधानी है, वहाँ के लोगों को पानी से वंचित रखना या आधे से एक घण्टे पानी मिलना क्या हमारे खुशहाल होने का संकेत है? मुम्बई शहर की बड़ी तादाद आज भी अपनी बुनियादी आवश्यकता को पूरा करने के लिए रेल की पटरियों की तरफ जाती है। क्या ये हमारे खुशहाल होने की दलील है? --एम.ए.खालिद(अंग्रेज़ी से हिंदी अनुवाद-समीउर रहमान, न्यु एज इस्लाम डाट काम)

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